तितली अपने पैरों से स्वाद लेती है क्योंकि उनके पैरों पर स्वाद रिसेप्टर्स, जिन्हें केमोरिसेप्टर्स भी कहा जाता है, स्थित हैं। ये रिसेप्टर्स उन्हें किसी पदार्थ की मिठास, कड़वाहट, खटास और नमकीनपन का पता लगाने में मदद करते हैं। यह उनके लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वे यह पता लगाना चाहते हैं कि कोई पौधा उनके लिए खाने योग्य है या नहीं।
वास्तव में, तितलियों के मुंह के अंगों पर स्वाद की कलिकाएं नहीं होतीं, जैसा कि मनुष्यों में होती हैं। इसके बजाय, वे अपने लंबे, स्ट्रॉ-जैसे प्रोबोसिस से फूलों से नेक्टर चूसते हैं, लेकिन उनके प्रोबोसिस पर स्वाद रिसेप्टर्स नहीं होते। इसलिए, वे अपने पैरों पर निर्भर करते हैं ताकि स्वाद और पता लगा सकें कि कोई पदार्थ खाने योग्य है या नहीं।
यह अनोखा स्वाद लेने का तरीका तितलियों के लिए जीवित रहने के लिए आवश्यक है, क्योंकि वे सही पौधों को खोजने के लिए और अपने अंडे देने के लिए जरूरत है। यह भी दिलचस्प है कि अगर कोई तितली आपके ऊपर उतरती है, तो यह शायद इसलिए है क्योंकि उसने आपकी त्वचा पर पसीने का स्वाद लिया है, जिसका मतलब है कि वह यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आप खाने योग्य हैं या नहीं!
तितली की एक सुंदर कहानी
एक समय की बात है, तितली रानी नाम की एक खूबसूरत तितली थी। वह अपनी तितलियों की सेना के साथ एक बगीचे में रहती थी। वे फूलों का रस पीते थे और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते थे। एक दिन, तितली रानी ने सर्दियों के लिए भोजन संग्रहीत करने के लिए मधुमक्खियों की तरह एक छत्ते का निर्माण करने के बारे में सोचा। उसने अपनी सबसे चतुर तितली को रानी मधुमक्खी से छत्ते बनाने की कला सीखने के लिए भेजा। रानी मधुमक्खी उन्हें सिखाने के लिए तैयार हो गई, लेकिन एक शर्त पर: तितली रानी को पहले अपनी तितलियों को उनके जैसा रंगीन बनाना होगा।
तितली रानी इस स्थिति से आहत हुई और उसने रानी मधुमक्खी को सबक सिखाने का फैसला किया। लेकिन, अगले दिन, कुछ लोग कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए बगीचे में आये, जिससे तितलियों और उनके अंडों का जीवन खतरे में पड़ गया। तितली रानी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने रानी मधुमक्खी से मदद मांगी। रानी मधुमक्खी और उसकी मधुमक्खियों की सेना ने तितलियों को बचाते हुए लोगों पर हमला कर दिया। तितली रानी शर्मिंदा हुई और रानी मधुमक्खी को उसकी मदद के लिए धन्यवाद दिया।